"आज ही क्यों नहीं?"-short moral stories in hindi ||a small story in hindi || top 10 moral stories in hindi with moral
"आज ही क्यों नहीं?"
(short moral stories in hindi)
"आज ही क्यों नहीं?" यह प्रश्न अक्सर हमारे मन में उठता है जब हम किसी कार्य को टालने की सोचते हैं। यह short moral stories in hindi एक ऐसे युवक की है जिसने अपने सपनों को साकार करने के लिए 'आज' का महत्व समझा।
गाँव के किनारे बसे एक छोटे से घर में रामू अपने पिता के साथ रहता था। उसके पिता एक किसान थे और रामू अपने पिता की मदद करता था। रामू के पिता हमेशा उसे सिखाते थे कि काम को कल पर नहीं छोड़ना चाहिए। लेकिन रामू को अपने दोस्तों के साथ खेलना इतना पसंद था कि वह अक्सर काम को टाल देता था।
एक बार की बात है रामु के गांव में बहुत बड़ा मेला लगा, रामु के मन मैं मेले मैं जाने का बहुत ही उत्साह था, लेकिन रामु के पिताजी ने कहा बेटा रामु आज तुम्हे खेत जानवरो के लिए रखा भूसा घर लेकर आना है, देखो बारिश होने वाली है, और अगर बारिश हो गयी तो भूसा ख़राब हो जायेगा. रामु ने कहा ठीक है पिताजी मैं ले आऊंगा आप चिंता मत किजिये, लेकिन रामु के मन मैं तो मेले के नाम से लड्डू फुट रहे थे, वो एक मिनट भी अपने आप को नहीं रोक पा रहा था, लेकिन पिताजी का कहा भी मानना था। लेकिन जैसे ही उसके दोस्त उसे बुलाने आए, उसने सोचा, "आज ही क्यों नहीं? मैं अभी मेले में चला जाता हूँ और वापस आकर काम कर लूंगा।" रामू मेले में चला गया और वहाँ उसने खूब मजे किए। लेकिन जब वह वापस आया, तो देखा कि बारिश शुरू हो गई थी और वह काम जो उसे करना था, वह अब नहीं कर सकता था। रामु की इस लापरवाही पर रामु के पिताजी को बड़ा ही दुख हुआ लेकिन उन्होंने रामु को कुछ नहीं कहा, उन्होंने रामु को सही समय पर सबक सिखाने का फैसला किया,
रामु के पिताजी ने उसे सबक सिखाने के लिए एक योजना बनाई। उन्होंने रामु को अगले दिन फिर से खेत से भूसा लाने के लिए कहा। इस बार, रामु ने अपने पिताजी की बात मानी और जल्दी ही खेत से भूसा लेकर आ गया। लेकिन जब वह घर पहुंचा, तो उसने देखा कि उसके पिताजी ने उसके लिए एक नया खिलौना और मिठाई का डिब्बा रखा हुआ था।
रामु के पिताजी ने कहा, "बेटा, यह इनाम है तुम्हारी मेहनत और जिम्मेदारी का। तुमने आज जो काम किया है, वह तुम्हारे लिए और हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण था। मैं जानता हूँ कि तुम्हें मेले में जाने का बहुत मन था, लेकिन तुमने अपनी जिम्मेदारी को पहले रखा। इसलिए मैंने सोचा कि तुम्हें एक छोटा सा उपहार दूँ।"
रामु ने अपने पिताजी को गले लगाया और कहा, "धन्यवाद पिताजी, मैं समझ गया हूँ कि मेहनत का फल मीठा होता है। आज से मैं हमेशा अपनी जिम्मेदारियों को पहले रखूँगा।" इस बात पर उसके पिताजी ने एक कविता सुनाई,
आज क्यों करें, जब कल है बाकी,
सोचता है मन, यही एक आदत पाकी।
हर काम को टाले, एक आलस्य की चादर में,
क्या पता कल हो न हो, यही सच्चाई आदमी भूले।
आज का काम कल पर न छोड़ो,
क्योंकि कल का सूरज, न जाने कब हो जाए मोड़ो।
आज ही कर डालो, जो है तुम्हारे मन में,
कल की चिंता में न गवाँ बैठो आज की जवानी।
आज अगर है तुम्हारे हाथ में,
तो कल की क्या गारंटी, जो रहे साथ में।
आज की मेहनत से ही, कल सवेरा होगा,
आज जो बोया वही, कल फल में खिलेगा।
आज नहीं कल करेंगे, यह सोच निराधार,
क्योंकि आज ही है सच्चा, कल है बस एक ख्वाब।
आज को अपनाओ, कल को न तलाशो,
आज में ही जीवन है, कल में न भटकाओ।
उस रात रामू को नींद नहीं आई। उसे अपने पिता की बातें याद आ रही थीं। उसने सोचा कि अगर वह उसी समय काम कर लेता, तो आज उसे यह पछतावा नहीं होता। उसने तय किया कि वह अब से कभी भी काम को टालेगा नहीं और हमेशा 'आज ही' काम करेगा।
इस short moral stories in hindi से हमने यह सीखा कि काम को समय पर करना चाहिए और जिम्मेदारियों को पहले रखना चाहिए। उसके पिताजी ने उसे बिना डांटे ही एक बहुत बड़ा सबक सिखा दिया। और रामु ने भी अपनी गलती से सीख ली और आगे चलकर एक जिम्मेदार इंसान बना।
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