**स्वर्ग की खोज में**short moral stories in Hindi | a small story in Hindi | top 10 moral stories in Hindi with moral

 **स्वर्ग की खोज में** 

short moral stories in Hindi

हम सभी के मन में कभी न कभी यह विचार आता है कि स्वर्ग कैसा होता होगा। क्या वह एक ऐसी जगह है जहाँ शांति और सुख की अनुभूति होती है? क्या वहाँ का हर दृश्य हमारी कल्पनाओं से भी अधिक सुंदर होता है? इन्हीं सवालों के उत्तर की खोज में, हम आपके सामने प्रस्तुत करते हैं “स्वर्ग के दर्शन” - एक ऐसी short moral stories in Hindi जो आपको स्वर्ग की एक झलक दिखाने का प्रयास करेगी।

इस short moral stories in Hindi में, हम रामू की यात्रा का अनुसरण करेंगे, जो एक साधारण लड़का है जिसकी आत्मा में गहरी आध्यात्मिक जिज्ञासा है। रामू की यह यात्रा उसे और हमें भी यह सिखाएगी कि स्वर्ग न केवल एक भौतिक स्थान है, बल्कि यह हमारे अंदर और हमारे आस-पास भी मौजूद है। तो चलिए, इस अद्भुत यात्रा पर निकलते हैं और खोजते हैं कि स्वर्ग के दर्शन हमें क्या सिखा सकते हैं।

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एक छोटे से गाँव में रामू नाम का एक लड़का रहता था। रामू बहुत ही जिज्ञासु और सपने देखने वाला लड़का था। उसके दिल में हमेशा एक सवाल रहता था - "क्या सच में स्वर्ग होता है?" उसने अपनी दादी से सुना था कि स्वर्ग एक ऐसी जगह है जहाँ हर तरफ खुशियाँ ही खुशियाँ होती हैं, और जहाँ कोई दुःख नहीं होता।


एक दिन रामू ने ठान लिया कि वह स्वर्ग की खोज करेगा। उसने अपने गाँव के सभी बुजुर्गों से पूछा, लेकिन किसी को भी स्वर्ग का पता नहीं था। तब उसने फैसला किया कि वह खुद ही स्वर्ग की खोज में निकलेगा।


रामू ने अपनी यात्रा शुरू की और वह दूर-दूर तक गया। उसने पहाड़ों को पार किया, नदियों को तैरकर पार किया, और घने जंगलों से गुजरा। उसने अनेक चुनौतियों का सामना किया, लेकिन उसने हार नहीं मानी।


एक दिन, जब वह थक कर एक पेड़ के नीचे बैठा था, तभी उसे एक साधु मिले। साधु ने उससे पूछा, "बेटा, तुम इतने थके हुए क्यों लग रहे हो?" रामू ने अपनी सारी कहानी साधु को सुनाई। साधु मुस्कुराए और बोले, "स्वर्ग ढूँढने की क्या जरूरत है? स्वर्ग तो तुम्हारे अंदर ही है। जब तुम दूसरों की मदद करते हो, जब तुम किसी को खुशी देते हो, तब तुम स्वर्ग का अनुभव करते हो।"


रामू को साधु की बात समझ में आ गई। उसे एहसास हुआ कि स्वर्ग कोई भौतिक जगह नहीं है, बल्कि यह तो हमारे अच्छे कर्मों और नेक इरादों में बसता है। रामू ने अपनी खोज बंद कर दी और वापस गाँव आकर लोगों की मदद करने लगा। उसने महसूस किया कि वह अब स्वर्ग में ही रहता है।

स्वर्ग की खोज में निकला जब रामू,

ढूँढता रहा वह अपने गाँव के कोने-कोने।

पहाड़ों को चढ़ा, नदियों को पार किया,

जंगलों के रास्ते, उसने अपने पाँव पिया।


थक कर बैठा जब वह एक पेड़ के नीचे,

मिला उसे ज्ञानी साधु, जिसने दी उसे सीखे।

"स्वर्ग नहीं कहीं और, तेरे अंदर है बसता,

जब तू करे किसी की मदद, तब तू उसे है पाता।"


समझा रामू तब, स्वर्ग का अर्थ वह गहरा,

नहीं जगह वह कोई, बल्कि भाव है नेक सच्चेरा।

लौटा वह गाँव, और लगा लोगों की मदद करने,

स्वर्ग का अनुभव किया, बिना किसी स्वर्ग के दर्शने।


स्वर्ग तो है वहाँ, जहाँ नेकी और प्यार हो,

जहाँ दुःख की नहीं, केवल खुशियों की बहार हो।

जहाँ हर कर्म से, बस अच्छाई की खुशबू आए,

वहीं स्वर्ग है अपना, जहाँ दिल से दिल ना भरमाए।

यह short moral stories in Hindi हमें यह सिखाती है कि स्वर्ग कोई दूर की चीज नहीं है, बल्कि यह हमारे अच्छे कर्मों और सकारात्मक सोच में बसता है। जब हम दूसरों के लिए अच्छा करते हैं, तो हम खुद भी स्वर्ग का अनुभव करते हैं।


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